उत्तराखंड
पंचतत्व में विलीन हुए शहीद जवान बीरेंद्र सिंह, मासूम बच्चियों संग पत्नी-मां का रो-रोकर बुरा हाल…
जम्मू कश्मीर के राजौरी सेक्टर में आतंकी हमले में शहीद जवान बीरेंद्र सिंह के गांव में उस वक्त शोक की लहर दौड़ पड़ी जब एक पांच साल की मासूम ने अपने पिता को श्रद्धांजलि दी। वहीं तिरंगे में बेटे को लिपटा देख जहां मां बेसुध हो गई तो वहीं पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल था। वो अपनी दो मासूम बच्चियों को संभाले या पति को रोए। ये मंजर देख शहीद के अंतिम दर्शन करने आए लोगों की आंख भी नम हो गई।
मिली जानकारी के अनुसार 15 गढ़वाल रायफल में तैनात नायक बीरेंद्र सिंह का पार्थिव शरीर सेना के विशेष विमान से गौचर लाया गया। जहां से सड़क मार्ग के जरिए बीरेंद्र के पार्थिव शरीर को नारायणबगड़ लाया गया। जहां जवान के पार्थिव शरीर पहुंचते ही परिजन बिलख उठे और लिपट कर रो पड़े। नायक बीरेंद्र सिंह अपने पीछे माता-पिता, पत्नी, 3 और 5 साल की दो बेटियों को छोड़ गए है। जवान की अंतिम विदाई में जन सैलाब उमड़ पड़ा। इस मौके पर जवान को श्रद्धांजलि देने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। वहीं, पूरा नारायणबगड़ ‘भारत माता की जय’ और ‘चमोली के लाल शहीद वीरेंद्र सिंह अमर रहे’ के नारों से गूंज उठा।
इसके बाद नारायणबगड़ में पिंडर नदी के तट पर सैन्य सम्मान के साथ शहीद सैनिक नायक बीरेंद्र का अंतिम संस्कार किया गया। बीरेंद्र को मुखाग्नि आईटीबीपी में तैनात उनके बड़े भाई धीरेंद्र सिंह ने दी।बताया जा रहा है कि बिरेंद्र वर्ष 2010 में सेना की 15 गढ़वाल राइफल में बतौर राइफलमैन भर्ती हुए थे। वर्तमान में वह भी पुंछ में तैनात थे। बीरेंद्र ने छह जनवरी को छुट्टी पर घर आने की बात कही थी। वह अपने पीछे पत्नी शशि देवी और दो बेटियों इशिका (5) व आयशा (3) को छोड़ गए हैं। उनकी शहादत की खबर से उनके परिवार में कोहराम मचा हुआ है।
वहीं इससे पहले दून में पार्थिव शरीर पहुंचने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जॉलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचकर पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर करने वाले हमारे इन शहीदों को देश हमेशा याद रखेगा। राज्य सरकार हर पल सैनिक परिवारों के साथ खड़ी है। उन्होंने शहीद गौतम कुमार और वीरेन्द्र सिंह के परिजनों से बात कर ढांढस बंधाया। मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्माओं की शांति और दुःख की इस घड़ी में उनके परिजनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से कामना की। उन्होंने कहा कि राष्ट्र रक्षा के लिए हमारे जवानों द्वारा दिया गया बलिदान सदैव हम सभी को राष्ट्र सेवा के लिए प्रेरित करता रहेगा।
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