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कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी पर लगे गंभीर आरोप, गरमाई सियासत…

उत्तराखंड

कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी पर लगे गंभीर आरोप, गरमाई सियासत…

उत्तराखंड में जहां एक और अल्मोडा विधायक की वीडियो वायरल होने से सियासत गरमाई हुई है। वहीं अब कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी भी आरोपों में घिरते नजर आ रहे है। गणेश जोशी पर आय से अधिक संपत्ति के आरोप लगे है। आरटीआई एक्टिविस्ट एडवोकेट विकेश नेगी ने आरटीआई और एडीआर रिपोर्ट के माध्यम से गणेश जोशी की आय पर बड़ा खुलासा किया है। जिसमें बताया गया है कि गणेश जोसी पिछले 15 साल में करोड़ पति हो गये। उनके देहरादून और हरिद्वार में दस से अधिक प्लाट और फैक्ट्री हैं। इस मामले में आरटीआई एक्टिविस्ट ने विजिलेंस और प्रधानमंत्री कार्यालय को शिकायत कर मामले की जांच और कार्रवाई की मांग की है। वहीं आरोपों पर गणेश जोशी ने कहा है कि यह आरोप निराधार है और मेरी छवि को ख़राब करने का प्रयास है।

मीडिया रिपोर्टस के अनुसार एडवोकेट विकेश नेगी का आरोप है कि गणेश जोशी ने विधायक और मंत्री रहते हुए महज 36 लाख का वेतन हासिल किया, जबकि उन्होंने 2022 के चुनाव में जो हलफनाम दिया तो उसमें उन्होंने अपनी आय 9 करोड़ बताई है।  उन्होंने विजिलेंस को दी गयी अपनी शिकायत में कहा है कि कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी 2011 में 15 लाख 60 हजार 730 रुपये, सन 2012 में 44 लाख 61 हजार 590 रुपये, सन 2015 में 13 लाख 11 हजार 350 रुपये, 2016 में 30 लाख 33 हजार 980 रुपये, सन 2017 में 3 लाख 40 हजार 460 रुपये, सन 2018 में 36 लाख 74 हजार 480 रुपये, सन 2019 में 51 लाख 94 हजार 720 रुपये, सन 2020 में 73 लाख 10 हजार 800 रुपये, 2021 में 63 लाख 72 हजार रुपये, 2022 में एक करोड़ 46 लाख 48 हजार 520 रुपये की संपत्ति अपने, अपनी पुत्री नेहा जोशी, पुत्र मयंक जोशी अपनी पत्नी निर्मला जोशी के नाम से खरीदी। तब उनके पुत्र और पुत्री पूरी तरह से उन पर आश्रित थे। इस प्रकार गणेश जोशी ने इस अवधि में कुल 5 करोड़ आठ लाख 89 हजार 510 रुपये की संपत्ति खरीदी जो कि उनके ज्ञात आय स्रोतों से कहीं अधिक है।

आरोप है कि गणेश जोशी ने अरुण गुप्ता और चेतना पंत के साथ मिलकर 2011 में 34 लाख 40रुपये की संपत्ति बेची, जिसमें गणेश जोशी का एक तिहाई हिस्सा था। एक भूमि उनकी पत्नी निर्मला जोशी ने पट्टे पर दी जिसमें उनका चौथाई हिस्सा है। एडवोकेट विकेश नेगी ने कहा कि 2017 में भी गणेश जोशी की पत्नी निर्मला जोशी ने एक करोड़ 71 लाख 57 हजार की एक भूमि बेची जिसमें उनका चौथाई हिस्सा था। इसी तरह से निर्मला ने एक और जमीन इसी दिन 33 लाख 68 हजार की बेची। इसमे भी उनका चौथाई हिस्सा था।

बताया जा रहा है कि गणेश जोशी के पुत्र मयंक जोशी ने अपनी पत्नी पंखुड़ी शर्मा को 8 मई 2०19 को एक जमीन उपहार में दी। जिसका मूल्य 6 लाख 15 हजार दर्शाया गया। ऐसे ही गणेश जोशी ने अपने बेटे मयंक जोशी को 2021 में एक संपत्ति दान में दी। सौरभ नांगिया जो गणेश जोशी का दामाद है ने 2 करोड़ 76 लाख रुपये बाजारी मूल्य की भूमि अपनी पत्नी नेहा जोशी को दान स्वरूप दी। इसके बाद नेहा जोशी ने यही भूमि अपने भाई मयंक जोशी को दान कर दी। जिसपर मनी लांड्रिंग के आरोप लगे है।

वहीं एडवोकेट विकेश नेगी ने खुलासा किया है कि गणेश जोशी के पुत्र मयंक जोशी ने पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत के ओएसडी धीरेंद्र पंवार के साथ मिलकर सिडकुल की एक भूमि 45 लाख 95 हजार रुपये में पट्टे पर ली है। एडवोकेट नेगी के मुताबिक यह सब आय से बहुत अधिक है। उन्होंने कहा कि 2007 के चुनाव में गणेश जोशी ने जो हलफनामा दायर किया था। उसमें कुल 42 लाख की संपत्ति दर्शायी थी।

गणेश जोशी ने 2011 में जो आयकर रिटर्न भरा, उसमें अपनी आय महज तीन लाख 90 हजार 692 रुपये दर्शायी। 2012 के चुनाव में जो हलफनामा दिया गया था उसमें उन्होंने बैंकों में अपनी जमा पूंजी लगभग 13 लाख बतायी। एफडी और एनएससी से दस लाख की आय दिखाई। बच्चों की शिक्षा पर ऋण समेत 29 लाख 93 हजार का कर्ज दिखाया। चुनाव में गणेश जोशी ने 2012 में 9 लाख 55009, 2017 में 24 लाख 2 हजार 600 रुपये और 2022 में 29 लाख 99 हजार 222 रुपये का खर्च दर्शाया है।

एडवोकेट विकेश नेगी के मुताबिक गणेश जोशी को एक विधायक और मंत्री के तौर पर 2007 से 2023 तक कुल 36 लाख 54 हजार रुपये वेतन के तौर पर मिला। जबकि 2022 में चुनाव हलफनामे में उन्होंने नौ करोड़ रुपये की संपत्ति बतायी है। एडवोकेट नेगी ने विजिलेंस से शिकायत की है कि गणेश जोशी ने पद का दुरुपयोग करते हुए आय से अधिक संपत्ति अर्जित की है। ऐसे में उनके खिलाफ धन शोधन पद के दुरुपयोग और आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के खिलाफ कार्रवाई की जाए।

वहीं मंत्री गणेश जोशी ने मीडिया में वॉयरल  खबर का संज्ञान लेते हुए कहा कि वे 1985 से सार्वजनिक जीवन में हैं।  पिछले 4 बार से विधायक और 3 बार मंत्री पद की शपथ ली है। मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि उन्होंने अपने सभी चुनावों के शपथ पत्रों में अपनी आय एवं संम्पति का संपूर्ण ब्यौरा दिया है। उन्होंने कहा कि विपक्ष के पास कुछ कहने-करने को नहीं है, इसलिए ये लोग कुछ न कुछ करते रहते हैं। यह आरोप निराधार है और मेरी छवि को ख़राब करने का प्रयास है।

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