Connect with us

टिहरी में शराब के ठेके के विरोध में सड़कों पर ग्रामीण, किया धरना प्रदर्शन…

उत्तराखंड

टिहरी में शराब के ठेके के विरोध में सड़कों पर ग्रामीण, किया धरना प्रदर्शन…

उत्तराखंड में जहां युवा नशे में बर्बाद हो रहा है। शराब घरों को बर्बाद कर रही है। वहीं कुछ ग्रामीण शराब से युवाओं को बचाने में जुटे है। टिहरी में एक बार फिर ग्रामीणों को सड़कों पर देखा गया है। ये ग्रामीण सड़कों पर सकलाना के हटवाल गांव में नए ठेके के विरोध में उतरे। आकोशित ग्रामीणों ने ठेके के बाहर धरना देकर जहां जमकर प्रदर्शन कर दो टुक चेतावनी दी तो वहीं ठेका मालिक को ग्रामीणों के आक्रोश के आगे झुकना पड़ा। बताया जा रहा है कि अब यहां ये नया ठेका बंद होने वाला है।

यह भी पढ़ें 👉  सीमांत गांव जादूंग अब वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत पर्यटन की नई पहचान बनने की ओर अग्रसर...

मीडिया रिपोर्टस के अनुसार सकलाना के हटवाल गाँव में शराब का नया ठेका खोला गया।  इस बात की भनक लगते ही सकलाना क्षेत्र के हटवाल गांव, उनियाल गांव, सत्यों, हवेली, पुजार गांव, मरोडा, बनाली, खेतू, रिंगालगढ़ सहित कई गांव के युवा, महिलाएं बड़ी संख्या में ठेके के बाहर धमक गए और जमकर प्रदर्शन किया। स्थानीय ग्रामीणों ने सड़क पर उतर कर चौबीस घंटे के भीतर ठेका बंद न किए जाने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी। जिससे ठेका मालिक को पीछे हटना पड़ा।

बताया  जा रहा है कि ग्रामीणों के तीखे तेवरों को देखते हुए ठेका मालिक ने दुकान बंद करने का निर्णय लिया है. जिसके बाद ग्रामीणों का गुस्सा शांत हुआ। लोगों का कहना है कि यहां ठेका खोले जाने से नशे के प्रचलन को बढ़ावा मिलेगा और युवा पीढ़ी इसकी गिरफ्त में आसानी से आ जाएगी। प्रदेश सरकार एक ओर राजस्व प्राप्ति के लिए शराब के ठेकों की संख्या बढ़ा रही है, वहीं दूसरी ओर शराब की लत लोगों को असमय मौत के गर्त में धकेल रही है। शराबी की पहले नौकरी जा रही है। फिर घर-बार भी छूट रहा है।

यह भी पढ़ें 👉  सीमांत गांव जादूंग अब वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत पर्यटन की नई पहचान बनने की ओर अग्रसर...

गौरतलब है कि उत्तराखंड के मैदानी जिलों से लेकर पहाड़ तक गहरे तक जड़े जमा ड्रग सिंडिकेट निशाने पर केवल युवा पीढ़ी है। यह जानते हुए भी कि नशा सेहत के लिए न सिर्फ खतरनाक है, बल्कि यह कॅरियर को भी बर्बाद कर देता है। इसके बाद भी युवा वर्ग नशे के दलदल में फंसता ही जा रहा है। शराब की ओवरडोज व्यक्ति के सोचने-समझने की शक्ति को कमजोर कर देती है। शराब दिमाग के नियंत्रण केंद्र पर एक तरह से कब्जा कर देती है, जिससे शराबी को भले-बुरे का पता नहीं चलता।

यह भी पढ़ें 👉  सीमांत गांव जादूंग अब वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत पर्यटन की नई पहचान बनने की ओर अग्रसर...
Continue Reading
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

More in उत्तराखंड

उत्तराखंड

उत्तराखंड
To Top