Connect with us

यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर राज्यसभा में हुआ हंगामा, विपक्ष ने बताया संविधान विरोधी कानून…

उत्तराखंड

यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर राज्यसभा में हुआ हंगामा, विपक्ष ने बताया संविधान विरोधी कानून…

Uniform Civil Code:  राज्यसभा में शुक्रवार को समान नागरिक संहिता का बिल पेश किया गया। ये बिल सदन में  BJP के राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने पेश किया। जिसपर भारी हंगामा हुआ। मीणा के सदन में यह प्रस्ताव रखते ही विपक्षी सांसदों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। विपक्ष दलों ने इले संविधान के विरुद्ध बताया है।

मीडिया रिपोर्टस के अनुसार शुक्रवार को भोजनावकाश के बाद उच्च सदन में गैर सरकारी कामकाज शुरू होने पर सबसे पहले भाजपा के किरोड़ीमल मीणा ने भारत में एकसमान नागरिक संहिता विधेयक, 2020 पेश किया। एमडीएमके के वाइको सहित विभिन्न विपक्षी सदस्यों ने इस विधेयक को संविधान विरूद्ध करार देते हुए सभापति जगदीप धनखड़ से इसे सदन में पेश करने की अनुमति नहीं देने का अनुरोध किया।

यह भी पढ़ें 👉  सीमांत गांव जादूंग अब वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत पर्यटन की नई पहचान बनने की ओर अग्रसर...

बताया जा रहा है कि उच्च सदन ने 23 के मुकाबले 63 मतों से निजी विधेयक को पेश करने की अनुमति दी। बिल पेश होने के बाद समाजवादी पार्टी, CPIM, NCP समेत कई विपक्षी सांसदों के विरोध के चलते सभापति जयदीप धनखड़ को हस्तक्षेप करना पड़ा। सभापति ने विपक्षी सांसदों को भरोसा दिलाया कि सदन में प्रत्येक कार्यवाही तय नियमों के तहत की जाएगी। उन्होंने विपक्षी सांसदों से चर्चा में भाग लेने और अपना मत व्यक्त करने का अनुरोध किया।

यह भी पढ़ें 👉  सीमांत गांव जादूंग अब वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत पर्यटन की नई पहचान बनने की ओर अग्रसर...

वहीं विपक्षी सदस्यों ने इस विधेयक को संविधान के विरुद्ध बताते हुए कहा कि इससे देश की विविधता की संस्कृति को नुकसान पहुंचेगा। उन्होंने कहा कि इससे देश के सामाजिक तानेबाने को क्षति पहुंचने की आशंका है। उन्होंने भाजपा सदस्य मीणा से यह विधेयक वापस लेने का अनुरोध किया।

ये है यूनिफॉर्म सिविल कोड का मतलब

गौरतलब है कि यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) का मतलब विवाह, तलाक, बच्चा गोद लेना और संपत्ति के बंटवारे जैसे विषयों में सभी नागरिकों के लिए एक जैसे नियम है। इसका मतलब है कि भारत में रहने वाले हर हर नागरिक के लिए एक समान कानून होगा, चाहे वह किसी भी धर्म या जाति का क्यों न हो। समान नागरिक संहिता जहां भी लागू की जाएगी। वहां, शादी, तलाक और जमीन-जायदाद के बंटवारे में सभी धर्मों के लिए एक ही कानून लागू होगा।

यह भी पढ़ें 👉  सीमांत गांव जादूंग अब वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत पर्यटन की नई पहचान बनने की ओर अग्रसर...

 

 

 

Continue Reading
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

More in उत्तराखंड

उत्तराखंड

उत्तराखंड
To Top