Connect with us

जन्म-मृत्यु प्रमाण-पत्र बनाने सहित अधिकारियों को सीडीओ ने दिए ये निर्देश…

उत्तराखंड

जन्म-मृत्यु प्रमाण-पत्र बनाने सहित अधिकारियों को सीडीओ ने दिए ये निर्देश…

Uttarakhand News: रुद्रप्रयाग में जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनाए जाने के लिए विकास भवन सभागार में मुख्य विकास अधिकारी नरेश कुमार की अध्यक्षता में कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें संबंधित अधिकारियों को सीआरएस पोर्टल के माध्यम से जारी किए जाने वाले प्रमाण-पत्रों के संबंध में जानकारी दी गई।

मुख्य विकास अधिकारी ने उपस्थित अधिकारियों से कहा कि जन्म-मृत्यु प्रमाण-पत्र सीआरएस पोर्टल से निर्गत किए जाने हैं इस संबंध में सभी अधिकारी ठीक ढंग से प्रशिक्षण प्राप्त कर लें तथा जारी गाइडलाइन का भी ठीक प्रकार से अध्ययन कर लें ताकि जारी किए जाने वाले प्रमाण पत्रों में कोई परेशानी न हो इसके लिए उन्होंने सभी अधिकारियों को ईमेल एड्रेस अपडेट करने के निर्देश दिए। उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं जिला पंचायत राज अधिकारी को निर्देश दिए हैं कि पोर्टल का व्यापक प्रचार प्रसार करने के निर्देश दिए ताकि इसकी जानकारी उपलब्ध हो सके।

यह भी पढ़ें 👉  मुख्य विकास अधिकारी ने किया विकास कार्यों का निरीक्षण, दिए आवश्यक दिशा-निर्देश

कार्यशाला में अपर सांख्यिकी अधिकारी विनोद कुमार ने उपस्थित अधिकारियों को अवगत कराया है कि जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र अब सीआरएस पोर्टल के माध्यम से निर्गत होंगे जिसमें 4 तरह के प्रमाण-पत्रों के माध्यम से जारी किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि जारी किए जाने वाले सभी अधिकारियों के ई-मेल एड्रस अपडेट किए जाने हैं जिसके लिए उन्होंने सभी को इसकी जानकारी उपलब्ध कराने को कहा। उन्होंने पोर्टल के बारे में पीपीटी के माध्यम से उपस्थित अधिकारियों को विस्तार से जानकारी दी गई।

यह भी पढ़ें 👉  रुद्रप्रयाग के सारी गांव में करीब 50 होम स्टे, वर्षभर रहती है पर्यटकों की आवाजाही

बताया जा रहा है कि जन्म-मृत्यु प्रमाण-पत्र सीएससी केंद्रों के बजाए सीआरएस पोर्टल से ही निर्गत किए जाएंगे। ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम विकास अधिकारी तथा शहरी क्षेत्रों में अधिशासी अधिकारी द्वारा ही उक्त प्रमाण-पत्र निर्गत किए जाएंगे। कार्यशाला में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. राजीव सिंह पाल , जिला पंचायत राज अधिकारी प्रेम सिंह रावत, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. विमल सिंह गुसांई, डा. आशुतोष, ग्राम विकास अधिकारियों सहित संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।

यह भी पढ़ें 👉  2030 तक भारत में 70% चौबीस घंटे स्वच्छ बिजली संभव, हर साल 9 हज़ार करोड़ की बचत
Continue Reading
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

More in उत्तराखंड

उत्तराखंड

उत्तराखंड

ट्रेंडिंग खबरें

To Top