उत्तराखंड
नैनीताल में शत्रु संपत्ति पर गरजा प्रशासन का बुल्डोजर, 134 भवन चिन्हित…
Uttarakhand News: उत्तराखंड के नैनीताल से बड़ी खबर आ रही है। यहां आज शनिवार को नैनीताल प्रशासन ने 134 भवनों पर बड़ी कार्यवाही की है। बताया जा रहा है कि हाईकोर्ट के आदेश पर मेट्रोपोल क्षेत्र में शत्रु संपत्ति पर बने अवैध भवनों पर बुलडोजर चलाया गया है। जिससे सालों से रह रहे लोग बेघर हो गए। तो वहीं इस दौरान मौके पर भारी पुलिस फोर्स तैनात रही साथ ही अधिकारियों की फौज भी मौजूद रही। तो वहीं बेघर हुए लोगों का एक ही सवाल की वह अब कहां जाएंगे।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार नैनीताल शहर के मल्लीताल में शत्रु संपत्ति मेट्रोपोल में चिन्हित 134 अवैध निर्माण के ध्वस्तीकरण की बड़ी कार्रवाई शुरू की गई। ये कार्रवाई हाईकोर्ट के आदेश पर की गई। 24 जून को हाईकोर्ट द्वारा यहां रह रहे लोगों को भवन खाली करने के आदेश दे दिए गए थे जिसके खिलाफ स्थानीय लोगों ने हाई कोर्ट में अपील भी की थी लेकिन उन्हें कोई राहत नहीं मिल सकी। जिला प्रशासन द्वारा कई दिन पहले यहां रह रहे लोगों को मुनादी कर कहा गया था कि वह अपना सामान हटा ले। जिसके बाद अधिकांश लोगों ने घरों को खाली कर दिया था।
धारा 144 लागू, चार कंपनी पीएसी भी तैनात
बताया जा रहा है कि आज सुबह 9 बजे इन भवनों ध्वस्त करने की कार्रवाई शुरू कर दी गई थी। प्रशासनिक अधिकारी दल बल के साथ यहां पहुंचे इस दौरान पूर्व क्षेत्र में धारा 144 लागू कर दी गई थी। किसी भी तरह के विरोध से निपटने के लिए क्षेत्र में चार कंपनी पीएसी भी तैनात की गई थी तथा कई थाना क्षेत्रों की पुलिस को बुलाया गया था। हालांकि इस कार्रवाई का विरोध करने के लिए कोई सामने नहीं आया। भवनों को ध्वस्त करने का कार्य जारी है। क्षेत्र बड़ा होने से इसे लंबा समय लग सकता है।
बेघर लोगों की फरयाद
वहीं कार्रवाई से बेघर हुए लोगों का कहना है कि वह कई सालों से रह रहे थे। कई बुजुर्ग ऐसे थे जिनका कहना था कि वह यही पैदा हुए और पढ़े लिखे उनके कागजात इसका प्रमाण है और अब यह कह रहे हैं कि यह शत्रु संपत्ति है इस पर बने घर अतिक्रमण कर बनाए गए हैं। उन्हें तोड़ा जा रहा है वह बेबस है ,वह अब कहां जाएंगे? सरकार उन्हें घर के बदले घर न सही घर बनाने को एक जमीन का टुकड़ा ही देती।
जानें क्या होती हैं शत्रु संपत्ति
15 अगस्त 1947 में भारत, पाकिस्तान के अलग होने, 1962 में चीन, 1965 और 1971 भारत पाकिस्तान युद्ध के बाद भारत छोड़कर पाकिस्तान या चीन चले गए नागरिकों को भारत सरकार शत्रु मानती है। भारत सरकार ने 1968 में शत्रु संपत्ति अधिनियम लागू किया। जिसके तहत शत्रु संपत्ति की देखरेख एक कस्टोडियन को दी गई। केंद्र सरकार में इसके लिए कस्टोडियन ऑफ एनिमी प्रॉपर्टी विभाग भी है, जिसे शत्रु संपत्तियों को अधिग्रहित करने का अधिकार है।
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