उत्तराखंड
मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा शोध प्रोत्साहन योजना के तहत मिलेगे इतने लाख रुपए…
आज के तकनीकी दौर में शोध को एक बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। शिक्षा के क्षेत्र में उच्च शिक्षा का गुणवत्तायुक्त माहौल बनाने या नयी तकनीकों के अनुपयोग करने के लिए शोध की भूमिका अहम है। इसी कड़ी में धामी सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। अब मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा शोध प्रोत्साहन योजना के तहत शिक्षकों एवं छात्र-छात्राओं को शोध के लिए सरकार 18 लाख रुपये तक देगी। बताया जा रहा है कि इसका शासनादेश जारी कर दिया गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा शोध प्रोत्साहन योजना का शासनादेश जारी कर दिया है। बताया जा रहा है आदेश में कहा गया है कि राजकीय महाविद्यालयों एवं राज्य विश्वविद्यालयों में उच्च गुणवत्तायुक्त शैक्षणिक वातावरण के विकास, नई तकनीकों को बढ़ावा देने एवं राजकीय महाविद्यालयों और राज्य विश्वविद्यालयों के शिक्षकों व छात्रों को शोध के लिए प्रोत्साहित करने के लिए मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा शोध प्रोत्साहन योजना शुरू करने का निर्णय लिया गया है।
इस योजना के तहत प्रदेश के सरकारी विवि कॉलेज के छात्र, शिक्षकों को अब सरकार शोध के लिए 15 से 18 लाख रुपये का अनुदान देगी। शोध की अनुदान राशि तीन किस्तों में दी जाएगी। पहली किस्त में 50 प्रतिशत अनुदान राशि शोध प्रस्ताव की स्वीकृति के साथ जारी की जाएगी। जबकि दूसरी किस्त के रूप में 30 प्रतिशत की अनुदान राशि संतोषजनक कार्य करते हुए पूर्व स्वीकृत राशि का उपभोग प्रमाण पत्र दिए जाने पर दी जाएगी।
आदेश में कहा गया है कि राज्यस्तरीय राज्य शोध एवं विकास प्रकोष्ठ चयन व मूल्यांकन समिति का गठन किया जाएगा। जिसमें प्रमुख सचिव और सचिव उच्च शिक्षा की ओर से नामित प्रतिनिधि, निदेशक उच्च शिक्षा, कुलपति, नियोजन विभाग की ओर से नामित सदस्य एवं शोध प्रस्ताव के विषय क्षेत्र के अनुसार उच्च शिक्षा विभाग की ओर से नामित विषय विशेषज्ञ सदस्य के रूप में शामिल होगा। किसी भी शिक्षक और शोधार्थी को एक समय में केवल एक ही शोध परियोजना दी जाएगी।
ये शोध विज्ञान, कला एवं मानविकी, गृह विज्ञान, वाणिज्य प्रबंधन के अलावा राज्य के सामाजिक, आर्थिक, समसामयिक विषयों पर भी किया जा सकेगा। इसके लिए दो साल में शोध पूरा करना है, जिसके लिए विशेष परिस्थितियों में एक साल का अतिरिक्त समय दिया जा सकता है। अनुदान तीन किश्तों में मिलेगा, जिसके तहत पहली किश्त में 50 प्रतिशत, दूसरी किश्त में प्रगति आख्या देने के बाद 30 प्रतिशत और तीसरी किश्त में शोध पत्रिका प्रकाशन के बाद 20 प्रतिशत पैसा मिलेगा। शोध के सहयोगी को भी सरकार 5000 रुपये प्रतिमाह देगी। इस योजना का लाभ उठाने के लिए अभ्यर्थी को समर्थ पोर्टल से शोध के लिए आवेदन करना होगा।
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