उत्तराखंड
देहरादून में शौर्य स्थल युद्ध स्मारक और सोल ऑफ स्टील एल्पाइन चैलेंज प्रतियोगिता का शुभारंभ…
Uttarakhand News: केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज देहरादून दौरे पर आए है। उन्होंने यहां मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ चीड़बाग, देहरादून स्थित शौर्य स्थल युद्ध स्मारक का उद्घाटन किया। इसके साथ ही उन्होंने जहां एक ओर पुष्प चक्र अर्पित कर उत्तराखण्ड के वीरगति प्राप्त योद्धाओं को श्रद्धांजलि दी। तो वहीं इस दौरान सोल आफ स्टील एल्पाइन चैलेंज का भी उद्घाटन किया।
मिली जानकारी के अनुसार केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को चीड़बाग, देहरादून स्थित शौर्य स्थल का उद्घाटन किया। केन्द्रीय रक्षा मंत्री एवं मुख्यमंत्री ने शौर्य स्थल पर पुष्प चक्र अर्पित कर योद्धाओं को श्रद्धांजलि दी। साथ ही उन्होंने शौर्य स्थल का अवलोकन किया एवं शहीदों के परिजनों से मुलाकात भी की। बताया जा रहा है कि उत्तराखंड वार मेमोरियल ट्रस्ट की ओर से बनाए गए इस शौर्य स्थल पर प्रदेश के सभी बलिदानी सैनिकों के नाम अंकित हैं। बीते दिसंबर में उत्तराखंड वार मेमोरियल ट्रस्ट ने शौर्य स्थल को सेना को हस्तांतरित कर दिया है।
शौर्य स्थल का लोकार्पण करने के बाद रक्षा मंत्री ने शहीद जसवंत सिंह मैदान में वेटरन रैली में हिस्सा लिया। इसके बाद वह पूर्व सैनिकों व वीर नारियों को संबोधित कर उन्होंने सोल ऑफ स्टील एल्पाइन चैलेंज प्रतियोगिता का शुभारंभ किया। जो भारतीय सेना और क्लाव ग्लोबल (विशेष बलों के दिग्गजों की ओर से संचालित एक संगठन) की अपनी तरह की एडवेंचर स्पोर्ट्स की संयुक्त पहल है। देहरादून में शुरू किए गए इस चैलेंज को 4 चरणों में आयोजित किया जा रहा है।
बताया जा रहा है कि अंतरराष्ट्रीय प्रतिभागी तीसरे चरण में शामिल होंगे। सभी प्रतियोगी आज फ्लैग ऑफ के बाद खुलने वाली वेबसाइट पर पार्टिसिपेट के लिए रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं. गढ़वाल हिमालय में चैलेंज के अंतिम चरण में कई अंतरराष्ट्रीय टीमें भी भाग लेंगी। आईबेक्स ब्रिगेड और क्लॉ ग्लोबल इस चुनौती के लिए आर्मी एडवेंचर विंग के बैनर तले एक साथ आए हैं। इससे रोजगार के अवसर सृजित होंगे और राज्य में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. रिपोर्टस की माने तो भारतीय सेना की सबसे पुरानी ब्रिगेड आइबेक्स और वेटरन का स्टार्ट अप क्लाव ग्लोबल वर्ष 2019 में शुरू हुआ था।
सेना जरूरत पडऩे पर पहुंच, अनुमति और आकस्मिक सहायता के संदर्भ में इसे सहायता प्रदान करेगी। क्लाव भारतीय सेना की निर्धारित शर्तों के अनुसार इस अभियान की योजना बनाएगा और उसे चलाएगा। एमओयू के अनुसार अंतरराष्ट्रीय प्रतिभागियों को सरकार की मंजूरी के अधीन पूरी निगरानी के साथ अभियान में भाग लेने की अनुमति है।
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