Connect with us

जोशीमठ के 130 प्रभावित परिवारों को पुनर्वासित करने के लिए जगह का चयन, यहां बसेगा मिनी जाेशीमठ…

उत्तराखंड

जोशीमठ के 130 प्रभावित परिवारों को पुनर्वासित करने के लिए जगह का चयन, यहां बसेगा मिनी जाेशीमठ…

Uttarakhand News: जोशीमठ में हालात जस के तस बने हुए हैं। घरों और इमारतों में दरार आने का सिलसिला लगातार जारी है। ऐसे में जोशीमठ को पुनर्वासित करने के लिए जगह का चयन हो गया है। बताया जा रहा है कि राज्य सरकार ने 130 परिवारों को स्थायी तौर पुनर्वासित करने का निर्णय लिया है। जिसके लिए पीपलकोटी में मिनी जाेशीमठ बसाया जाएगा।

मीडिया रिपोर्टस के अनुसार जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति ने उत्तराखंड सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यों में जरूरी ‘तत्परता और तेजी’ नहीं होने का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री से राहत, पुनर्वास और स्थिरीकरण के कार्य अपने हाथ में लेने का अनुरोध किया था। जिसके बाद अब खबर आ रही है कि शासन ने मिनी जोशीमठ बसाने के लिए जगह का चयन कर लिया है। राज्‍य सरकार ने जोशीमठ के प्रभावितों में से 130 परिवारों को पीपलकोटी में स्‍थायी तौर पर पुनर्वासित करने का निर्णय लिया है।

यह भी पढ़ें 👉  अब सरकारी सेवाओं में चयन का आधार केवल मेरिट,प्रतिभा व योग्यता: CM…

रिपोर्टस की मानें तो अस्‍थायी पुनर्वास के प्रति प्रभावितों ने रुचि नहीं दिखाई थी। ऐसे में अब स्थाई पुर्नवास का फैसला लिया गया है। हालांकि क्षेत्र में लगातार हालात खराब हो रहे है। असुरक्षित हो चुके भवनों से परिवारों को सुरक्षित स्‍थानों पर ले जाने का क्रम जारी है। दरारों के कारण जेपी कालोनी के 15 भवनों तोड़ने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

यह भी पढ़ें 👉  मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से निवेशकों के प्रतिनिधिमंडल ने भेंट की

इस बीच, जमीन धंसने से भगवान बदरी विशाल के खजाने को लेकर भी चिंता बढ़ा है। यदि स्थिति और बिगड़ती है तो बद्रीनाथ धाम का खजाना पीपलकोटी में मंदिर समिति के निरीक्षण भवन में शिफ्ट कर दिया जाएगा। बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति (BKTC) के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने भास्कर को बताया कि अभी खतरा नहीं है, पर जरूरत पड़ने पर यहां स्थित निरीक्षण भवन के हॉल को स्ट्रांग रूम बनाया जाएगा।

यह भी पढ़ें 👉  आईएसबीटी कारगी मोड़ पर भूमि अधिग्रहण प्रस्ताव तैयार, भेजा जा रहा शासन

गौरतलब है कि जोशीमठ में साढे आठ सौ से अधिक प्रभावित परिवार राहत शिविरों में ठहराए गए हैं। वर्तमान में भूधंसाव को लेकर जोशीमठ क्षेत्र की दशा-दिशा तय करने की चुनौती सामने है। जोशीमठ के भविष्‍य को लेकर किसी निष्‍कर्ष तक पहुंचने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है। साथ ही जोशीमठ में भूधंसाव के कारणों का पता लगाने और उपचार की जांच में जुटी टीमों की जांच रिपोर्ट के लिए समय सीमा तय कर दी है।

Continue Reading
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

More in उत्तराखंड

उत्तराखंड

उत्तराखंड

ट्रेंडिंग खबरें

To Top