Connect with us

सीख: पढिये जीवन को जीने की कला, शार्ट कट नहीं, मेहनत जरूरी…

उत्तराखंड

सीख: पढिये जीवन को जीने की कला, शार्ट कट नहीं, मेहनत जरूरी…

श्रीराम पूरी वानर सेना के साथ समुद्र तट पर पहुंच गए थे, उन्हें समुद्र पार करके लंका जाना था। जामवंत श्रीराम की सेना के सबसे बूढ़े और अनुभवी व्यक्ति थे। जामवंत ने श्रीराम से कहा, ‘आप तो अपनी कृपा से ही समुद्र लांघ सकते हैं।’

हनुमान जी बोले, ‘आप तो थोड़ा सा प्रताप दिखाइए। समुद्र यूं ही सूख जाएगा।’

सभी लोग जय-जयकार भी करने लगे, लेकिन श्रीराम चुप रहे। फिर उन्होंने मुस्कान के साथ कहा, ‘हमें समुद्र ने ये जानकारी दी है कि हमारी सेना में नल और नील, दो वानर ऐसे हैं, जिन्हें ये वरदान मिला है कि अगर वे कोई पत्थर जल में फेंकेंगे तो वह डूबेगा नहीं। हम उन्हीं के सहयोग से समुद्र पर पत्थरों से सेतु बनाएंगे।’

यह भी पढ़ें 👉  ऑपेरशन कालनेमि:दून पुलिस 3 दिनों में 82 ढोगी बाबाओ को भेजा जेल की सलाखों के पीछेऑपेरशन कालनेमि:दून पुलिस 3 दिनों में 82 ढोगी बाबाओ को भेजा जेल की सलाखों के पीछे

नल-नील की मदद से वानर सेना ने समुद्र पर सेतु बांध दिया और श्रीराम वानर सेना के साथ लंका पहुंच गए।

सीख – श्रीराम का ये निर्णय हमें समझा रहा है कि जीवन में कभी भी चमत्कार और शॉर्टकट नहीं अपनाना चाहिए। अपनी मेहनत पर भरोसा रखें। आप कितने ही योग्य और समर्थ हों, अपने पुरुषार्थ और परिश्रम से काम को पूरा करें। कोई भी बड़ा काम सामूहिक परिश्रम के साथ करेंगे तो उसमें सफलता जरूर मिलती है।

यह भी पढ़ें 👉  शुभमन गिल और केएल राहुल ने संभाली पारी, दूसरी पारी में भारत का ठोस जवाब

इसीलिए जिस ढंग से वानर सेना ने समुद्र पर सेतु बनाया, वह आज भी चर्चा का विषय है। श्रीराम ने इस काम में सेना के प्रत्येक व्यक्ति का सहयोग लिया था। सबको जोड़कर, सबको प्रोत्साहित करके, सामूहिक परिश्रम के साथ जो काम होता है वो ऐतिहासिक होता है।

यह भी पढ़ें 👉  मुख्यमंत्री धामी ने एम्स ऋषिकेश में भर्ती घायल श्रद्धालुओं का हालचाल जाना

सीख: पढिये जीवन को जीने की कला, शार्ट कट नहीं, मेहनत जरूरी…

Continue Reading
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

More in उत्तराखंड

उत्तराखंड

उत्तराखंड

ट्रेंडिंग खबरें

To Top