Connect with us

विश्व प्रसिद्ध बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तैयारियां पूरी

उत्तराखंड

विश्व प्रसिद्ध बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तैयारियां पूरी

उत्तराखंड में जहां चारधाम यात्रा शुरू हो चुकी है। वहीं विश्व प्रसिद्ध बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तैयारियां पूरी भी हो गई हैं। बदरीनाथ धाम को 25 कुंतल फूलों से सजाया गया है। बदरीनाथ के साथ ही धाम में स्थित प्राचीन मठ-मंदिरों को भी गेंदे के फूलों से सजाया गया है। अब बृहस्पतिवार को प्रात: 7:10 बजे विधि विधान के साथ बदरीनाथ धाम के कपाट खोल दिए जाएंगे।

मीडिया रिपोर्टस के अनुसार बुधवार को योगबदरी मंदिर पांडुकेश्वर से कुबेर जी, उद्धव जी की उत्सव डोली, गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा, आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी और बदरीनाथ के रावल बदरीनाथ धाम पहुंच गए है। दोपहर करीब दो बजे सभी डोलियां और गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा बदरीनाथ धाम पहुंचीं।यहां यात्रा का हक-हकूकधारियों और बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के कर्मचारियों ने फूल-मालाओं से स्वागत किया।

यह भी पढ़ें 👉  आखिरकार जिला प्रशाासन ने जिले के थानेें चौकियों में स्थापित कर ही दिए आधुनिक लांग रेंज इमरजेंसी सायरन

बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने के विषय में मान्यता है कि, भगवान बद्रीविशाल जी के महाभिषेक के लिए तिल का तेल का प्रयोग किया जाता है। इस तेल को टिहरी राजदरबार में सुहागिन महिलाओं द्वारा विशेष पोशाक पहन कर तैरार करने के उपरांत डिम्मर गांव के डिमरी आचार्यों द्वारा लाए गए कलश में भर दिया जाता है जिसे गाड़ू घड़ा कहते हैं।

यह भी पढ़ें 👉  उत्तराखंड पंचायत चुनाव: मतदान केंद्रों के लिए रवाना हुई पोलिंग पार्टियां, कल होगी पहले चरण की वोटिंग

इसी कलश को श्री बद्रीनाथ पहुंचाने की प्रक्रिया गाडू घड़ा कलश यात्रा कहलाती है। जोशीमठ पहुंचने के उपरांत आदि गुरु शंकराचार्य की डोली भी इसी यात्रा के साथ योग ध्यान बद्री पाण्डुकेश्वर पहुंचती है। पाण्डुकेश्वर पहुंचने के उपरांत योग ध्यान बद्री में शीतकालीन प्रवास हेतु विराजमान भगवान उद्धवजी एवं भगवान कुबेरजी की डोली, शंकराचार्यजी की डोली। गाडू घड़ा कलश यात्रा के साथ श्री बद्रीनाथजी के धाम के पहुंचती है।

यह भी पढ़ें 👉  भारत ने मारा एजबेस्टन का मैदान, इंग्लैंड को 336 रनों से हराया

बताया जा रहा है कि मंगलवार को जोशीमठ नृसिंह मंदिर से आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी के साथ बदरीनाथ के रावल रात्रि प्रवास के लिए पांडुकेश्वर स्थित योगबदरी मंदिर पहुंचे थे। बुधवार को ब्रह्ममुहूर्त में रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी ने योगबदरी मंदिर में पूजा-अर्चना की। इसके बाद कुबेर जी और उद्धव जी की प्रतिमाओं को उत्सव डोली में विराजमान कर बदरीनाथ धाम के लिए रवाना किया गया।

 

Continue Reading
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

More in उत्तराखंड

उत्तराखंड

उत्तराखंड

ट्रेंडिंग खबरें

To Top