उत्तराखंड
आस्था: अक्षय तृतीया के महत्वपूर्ण दिवस, इस प्रकार से होगी पूजा अर्चना…
धर्म। आज अक्षय तृतीया है। अक्षय तृतीया को काफी शुभ माना जाता है। यह पर्व शोभन, मातंग और लक्ष्मी योग में मनाया जाएगा। इस साल तृतीया तिथि मंगलवार को रहेगी। इस पर्व पर रोहिणी नक्षत्र का संयोग होना विशेष शुभ रहेगा। इस दिन किया गया जप, तप, ज्ञान, स्नान, दान, होम आदि अक्षय रहते हैं। इसी कारण इसे अक्षय तृतीया कहा जाता है। ज्योतिषियों ने इसे अबूझ मुहूर्त भी कहा है।
अक्षय तृतीया से जुड़ी खास बातें
अक्षय तृतीया पर विष्णु अवतार भगवान परशुराम जी और दशमहाविद्या में नवम देवी भगवती राजराजेश्वरी मातंगी का जन्मोत्सव मनाया जाता है।
इस बार अक्षय तृतीया पर शोभन योग बना रहा है। इस दिन अबूझ मुहूर्त होने से सभी तरह के मांगलिक कार्य किए जा सकेंगे। अक्षय तृतीया रोहिणी नक्षत्र, शोभन योग, तैतिल करण और वृषभ राशि के चंद्रमा के साथ आ रही है।
अक्षय तृतीया शुभ मुहूर्त और महत्वपूर्ण तिथि है। इस दिन विवाह के साथ वस्त्र, आभूषण, भवन, वाहन आदि की खरीदारी करना शुभ माना जाता है। गृह प्रवेश, सगाई, मुंडन और यज्ञोपवित आदि शुभ संस्कार भी किए जा सकते हैं।
अक्षय तृतीया पर की गई खरीदारी के संबंध में मान्यता है कि इस दिन खरीदी गई वस्तु की लंबे समय तक खराब नहीं होती हैं, हमारे घर-परिवार के लिए शुभ रहती है।
इस दिन दान-पुण्य करने का भी विशेष महत्व है। जरूरतमंद लोगों को वस्त्र, जूते-चप्पल, अनाज और धन का दान करें। किसी गौशाला में हरी घास और गायों की देखभाल के लिए धन दान करें।
अक्षय तृतीया पर भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी का दक्षिणावर्ती शंख में केसर मिश्रित दूध भरकर अभिषेक करें। ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जप करते हुए पूजा करें।
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