Connect with us

नाग पंचमी: सनातन धर्म मे कई स्तर पर लाभदायक है नाग देवता की पूजा…

उत्तराखंड

नाग पंचमी: सनातन धर्म मे कई स्तर पर लाभदायक है नाग देवता की पूजा…

सनातन धर्म में नाग पंचमी के त्योहार को कई दृष्टियों से उत्तम माना गया है। सनातन संस्कृति में इस दिन नाग देवता की पूजा किये जाने का प्रावधान है। इस दिन नाग देवता के लिए व्रत रखकर विधि-विधान से पूजा की जाती है। मान्यता है कि नाग पंचमी का दिन काल सर्प दोष और राहु-केतु के अशुभ प्रभाव के निवारण हेतु किये जाने वाले उपाय के लिए भी बहुत शुभ होता है।

यह भी पढ़ें 👉  Breaking: उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के लिए इन पदों का नया अपडेट जारी…

मात्र कालसर्प दोष का नाम सुनकर भयभीत होना ठीक नहीं है बल्कि इसका ज्योतिषीय विश्लेषण करवाकर उससे मिलने वाले प्रभावों और दुष्प्रभावों की जानकारी लेकर उचित उपाय करना श्रेयष्कर होगा। इस मामले में सबसे ज्यादा ध्यान देने वाली बात यह है कि इस योग का असर अलग-अलग जातकों पर अलग-अलग प्रकार से देखने को मिलता है। क्योंकि इसका असर किस भाव में कौन सी राशि स्थित है और उसमें कौन-कौन ग्रह बैठे हैं और उनका बलाबल कितना है, इन बिन्दुओं के आधार पर पड़ता है। साथ ही कालसर्प दोष या योग किन-किन भावों के मध्य बन रहा है, इसके अनुसार भी इस दोष/योग का असर पड़ता है।

यह भी पढ़ें 👉  मज़ाक: भाजपा नेताओ का ये कैसा मजाक, गाय पर लिखा है मुझे बचाओ…

ज्योतिषाचार्य पंडित उदय शंकर भट्ट के अनुसार जब जन्म कुंडली में सम्पूर्ण ग्रह राहु और केतु ग्रह के बीच स्थित हों तो ऐसी स्थिति को कालसर्प दोष का नाम देते हैं। वर्तमान में इस दोष की चर्चा जोरों पर हैं। किसी भी जातक के जीवन में कोई भी परेशानी हो और उसकी कुण्डली में यह योग या दोष हो तो अन्य पहलुओं पर ध्यान दें। परंतु वास्तविकता यह है वह अन्य ग्रहों के शुभफलदायी होने पर यह दोष योग की तरह काम करता है और उन्नति में सहायक होता है। वहीं अन्य ग्रहों के अशुभफलदायी होने पर यह अशुभफलों में वृद्धि करता है।

यह भी पढ़ें 👉  घटना: सड़क दुर्घटना मे दो भाईओ की मौत, परिवार मे कोहराम…

Latest News -
Continue Reading
Advertisement

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

More in उत्तराखंड

उत्तराखंड

उत्तराखंड

ट्रेंडिंग खबरें

To Top