उत्तराखंड
पहले पेयजल निगम और अब जल संस्थान भेज रहा उपभोक्ताओं को बिल…
Uttarakhand News: डोईवाला के सिमलासग्रांट, नागल ज्वालापुर, बुल्लावाला के सैकड़ों पेयजल उपभोक्ताओं के सामने बड़ी असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है। दरअसल कई साल पहले इन क्षेत्रों में जल संस्थान द्वारा पेयजल बिल भेजे जाते थे। लेकिन उसके बाद सिमलासग्रांट, नागल ज्वालापुर और बुल्लावाला गांव में पेयजल निगम द्वारा लोगों को पेयजल उपलब्ध करवाने को कई योजनाएं चलाई गई। जिसके अंतर्गत ओवरहैड टैंक निर्माण से लेकर पेयजल लाइनें बिछाई गई।
कई दूसरे भी कार्य किए गए। जिसके बाद अप्रैल 2021 में जल संस्थान द्वारा इन गांवों की पूरी पेयजल योजना पेयजल निगम को ट्रांसर्फर कर दी थी। और उसके बाद से पेयजल निगम ही इन गांवों के उपभोक्ताओं से पेयजल बिल वसूल कर रहा था। लेकिन इस फरवरी माह में उपभोक्ताओं को अब फिर से जल संस्थान द्वारा मार्च तक के पेयजल बिल भेज दिए गए हैं। जिससे उपभोक्ताओं के सामने असमंजल की स्थिति पैदा हो गई है कि वो पेयजल बिल किस विभाग में जमा करें। यही नहीं उपभोक्तओं का कहना है कि उनके बिल भी हजारों में जल संस्थान द्वारा भेजे गए हैं।
पूर्व प्रधान व सामाजिक कार्यकर्ता उमेद बोरा ने कहा कि पेयजल निगम व जल संस्थान पहले दोनों तय करें कि बिल किस विभाग में जमा करने हैं। और उपभोक्ताओं को अधिक पैसे के बिल क्यों भेजे गए हैं। इसका जवाब भी दोनों विभागों के अधिकारियों को देना चाहिए। कहा कि जल संस्थान द्वारा नारायण सिंह, बहादूर सिंह, चतर सिंह, गजेंद्र सिंह, बहादूर, विजय सिंह, जितेंद्र कुमार आदि को पेयजल बिल भेजे गए हैं।
इन्होंने कहा पेयजल निगम द्वारा पेयजल बिल भेजने का जिम्मा अब जल संस्थान को दिया गया है। इसलिए अब जल संस्थान द्वारा सिमलासग्रांट, नागल ज्वालापुर और बुल्लावाला गांव के लोगों को जल संस्थान द्वारा बिल भेजे गए हैं। जिनके बिल ज्यादा आए हैं। वो अपने पिछले बिल की रसीद दिखाकर अपने बिल ठीक करवा सकते हैं। विनोद असवाल, जेई जल संस्थान।
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