उत्तराखंड
प्रदेश में नकल विरोधी कानून के तहत पहला मुकादमा दर्ज, जानें पूरा मामला…
उत्तराखंड में बेरोजगार युवाओं के प्रदर्शन और सीबीआई जांच की मांग के बीच हुई पटवारी भर्ती में प्रदेश में नकल विरोधी कानून के तहत पहला मुकादमा दर्ज किया गया है। परीक्षा सम्पन्न होने के बाद उत्तरकाशी में परीक्षा पत्र की सील खुलने की खबर के फैलते ही प्रशासन हरकत में आगया। अफवाह फैलाने वालों पर नए नकल विरोधी कानून के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पटवारी भर्ती परीक्षा सम्पन्न होने के बाद उत्तरकाशी में पेपर की सील खुली होने जैसी उत्तरकाशी के पॉलीटेक्निक परीक्षा केंद्र पर एक अभ्यर्थी अरुण कुमार ने प्रश्न पत्र की सील खुली होने का आरोप लगाया। अभ्यर्थी ने अपने बयान का वीडियो भी वायरल किया। जिसके बाद थाने तक मामला पहुंचा तो परीक्षा केंद्र के व्यवस्थापक की तहरीर पर अरुण कुमार और कुछ न्यूज पोर्टल के खिलाफ नकल विरोधी कानून के तहत पहला मुकदमा दर्ज किया गया।
बताया जा रहा है कि राजस्व उप निरीक्षक (पटवारी / लेखपाल) की लिखित परीक्षा के सम्बन्ध में कुछ लोगों द्वारा भ्रामक ख़बरें फैलाई जा रही है। जिसके बाद प्रशासन ने कि इन लोगों के विरुद्ध नए नकल विरोधी अध्यादेश के सुसंगत प्राविधानों के तहत पहला मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
प्रशासन की माने तो कतिपय अभ्यर्थियों द्वारा प्रश्नपत्र की पेपर सील की गोपनीयता के सम्बन्ध में व्यक्त संदेह/भ्रांतियां निर्मूल हैं। परीक्षा संबंधी गोपनीय सामग्री वाले बॉक्स प्रधानाचार्य/केन्द्र प्रभारी के कक्ष में कक्ष निरीक्षक तथा सेक्टर मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में खोले गए हैं। सील्ड बॉक्स की वीडियोग्राफी की गई है। प्रश्नपत्र की गोपनीयता पूरी तरह से संरक्षित है।
गौरतलब है कि रविवार को राज्य लोक सेवा आयोग की ओर से 563 पदों के लिए आयोजित परीक्षा में पंजीकृत एक लाख 58 हजार 210 अभ्यर्थियों में से 65.6 प्रतिशत अभ्यर्थी ही शामिल हुए। आयोग के अनुसार प्रदेश में बनाए गए 498 परीक्षा केंद्रों में कहीं से भी किसी तरह की शिकायत या अशांति की बात सामने नहीं आई।
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