उत्तराखंड
“बजट पूर्व संवाद” कार्यक्रम मे व्यापारिक संगठनों ने दिए ये सुझाव…
उत्तराखंड विधानसभा का बजट सत्र 13 मार्च से शुरू होने जा रहा है। बजट को लेकर जनपद में बुधवार को प्रभारी जिला अधिकारी/सीडीओ गौरव कुमार की अध्यक्षता में जिला कार्यालय ऑडिटोरियम में आयोजित “बजट पूर्व संवाद” कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें जिले के प्रगतिशील किसान,उद्यमी एवं पर्यटन समेत विभिन्न व्यवसाय से जुड़े व्यापारिक संगठनों ने प्रतिभाग कर अपने अहम सुझाव दिए।
बजट पूर्व संवाद कार्यक्रम में पर्यटन एवं होटल से जुड़े कारोबारियों द्वारा उत्तरकाशी की पर्यटन का हब बताया उन्होंने सुझाव देते हुए बताया कि बिजली,पानी की दर निरन्तर बढ़ती जा रही है जिससे आमजन की परेशानी बढ़ती जा रही है। बिजली पानी की दर को कम करने की आवश्यकता है। साथ ही इको टूरिज्म को बढ़ावा देने, ट्रेकिंग को सरलीकरण करने एवं दयारा बुग्याल औऱ वरुणावत टॉप को रोपवे से जोड़ने को लेकर भी सुझाव दिया गया। कृषि एवं बागवानी के क्षेत्र में भी सुझाव दिया गया।
चारधाम यात्रा के दौरान मूलभूत सुविधाओं को दुरुस्त करने हेतु अतिरिक्त बजट का प्रावधान करने एवं धाम में आने वाले तीर्थ यात्रियों के पंजीकरण को बढ़ाने पर भी सुझाव दिया गया। भूकम्प के दृष्टिगत संवेदनशील जिला उत्तरकाशी में भूकम्प की मॉनिटरिंग हेतु सिस्मो ग्राफ की स्थापना की जाय। इस हेतु बजट का प्रावधान किया जाय। खनन को लेकर भी सुझाव दिया गया। पशुपालन को बढ़ावा देने को लेकर भी सुझाव दिए गए। पुरानी पेंशन बहाली एवं स्वास्थ्य बीमा योजना हेतु केश लेस उपचार औऱ हिल एलाउंस को लेकर बजट का प्रावधान किए जाने हेतु सुझाव दिए गए।
उत्तरांचल पर्वतीय कर्मचारी शिक्षक संगठन के संघ भवन हेतु बजट का प्रावधान हेतु सुझाव दिया गया। जनपद उत्तरकाशी के शहर में आमजन के आवागमन को लेकर सिटी बसें संचालित की जाय। इस हेतु बजट में सब्सिडी का प्रावधान करने का सुझाव दिया गया। ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के लिए उद्योग की स्थापना का प्रावधान किया जाय। इसके अतिरिक्त विभिन्न क्षेत्रों में कई महत्वपूर्ण सुझाव आमजन द्वारा दिए गए। कार्यक्रम का संचालन सहायक समाज कल्याण अधिकारी गोपाल राणा ने किया।
प्रभारी जिलाधिकारी/सीडीओ ने संवाद कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों का धन्यवाद ज्ञापित किया। कहा कि वितीय वर्ष 2023-24 के लिए बजट लागू होने से पूर्व आज बजट पूर्व संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें आमजन समेत जिले के जनप्रतिनिधि गण,किसान,होटल,पर्यटन,उद्योग, आजीविका औऱ विभिन्न व्यापारिक संगठनों से जुड़े लोगों के द्वारा प्रतिभाग कर बजट को लेकर अपने बहुमुल्य सुझाव दिए है। कार्यक्रम में स्थानीय स्तर के सुझाव भी प्राप्त हुए जिन्हें जिले स्तर पर ही निस्तारित किया जाएगा। तथा जो सुझाव शासन स्तर के प्राप्त हुए है उन्हें संकलित कर शासन को भेजा जाएगा। ताकि इन सुझावों को बजट में समावेश किया जा सके।
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